बजट में कोई आहत, किसी को राहत
राजेंद्र शुक्ला
मोदी सरकार के अंतिम पूर्ण आम बजट पर मिश्रित प्रतिक्रियाएं आई हैं। इस बजट में महंगाई कम करने के प्रत्यक्ष उपाय न होने से आम जनता को निराशा हुई है और देश भर में विपक्ष इस बजट को हवा हवाई करार दे रहा है तो भाजपा इस बजट के प्रावधानों का स्वाभाविक रूप से स्वागत कर रही है। भाजपा खूबियां गिना रही है और कांग्रेस इसकी खामियां बता रही है। वैसे बजट में 7 लाख तक की आय को कर मुक्त करने से काफी राहत महसूस की जा रही है। बजट में बहुत से प्रावधान नए हैं और बहुत से ऐसे हैं, जिनका विस्तार किया गया है। समावेशी विकास, अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना, बुनियादी ढांचा और निवेश, क्षमता को उजागर करना, हरित विकास, युवा और वित्तीय क्षेत्र बजट की प्राथमिकताएं बताई जा रही हैं।
गरीब खाद्यान्न योजना 1 साल के लिए बढ़ाई गई है। अतिरिक्त अनाज के लिए 2 लाख करोड़ का प्रावधान किया गया है।दावा है कि प्रति व्यक्ति आय दोगुनी से अधिक बढक़र 1.97 लाख रुपये हो गई है। 9 वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था आकार में 10 वें से 5 वें स्थान पर पहुंच गई है। वित्त मंत्री ने घोषणा की है कि युवा उद्यमियों द्वारा कृषि- स्टार्ट अप को प्रोत्साहित करने के लिए कृषि कोष बनाया जाएगा। वहीं, पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मिशन मोड पर काम किया जाएगा। वित्तमंत्री सीतारमण ने 3 वर्षों में 47 लाख युवाओं को सहायता प्रदान करने के लिए एक अखिल भारतीय राष्ट्रीय शिक्षुता योजना के तहत प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण शुरू करने की घोषणा की है। अगले 3 वर्षों में 1 करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए सहायता मिलेगी। वित्तमंत्री सीतारमण ने कहा है कि 10,000 जैव इनपुट संसाधन केंद्र स्थापित किए जाएंगे। नगरपालिका बांडों के लिए साख बढ़ाने के लिए शहरों को प्रोत्साहित किया जाएगा।अमृत काल के लिए उपयुक्त बुनियादी ढांचे के वर्गीकरण और वित्तपोषण ढांचे को बनाने के लिए विशेषज्ञ समिति गठित की जाएगी। वित्त मंत्री ने राज्य सरकारों के लिए भी बड़ी घोषणा की है। केंद्र सरकार ने राज्यों को 50 साल का ब्याज मुक्त कर्ज एक और साल के लिए बढ़ाया है।
पेन को लेकर भी वित्त मंत्री ने बड़ी घोषणा की है। पैन कार्ड अब राष्ट्रीय पहचान पत्र के रूप में जाना जाएगा। इससे पहले पैन टैक्स फाइलिंग के लिए था। बजट में सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना का आवंटन 66 फीसद बढ़ाकर 79,000 करोड़ किया है। सीतारमण का कहना है कि हम लोगों को रहने के लिए तेजी से घर आवंटित करेंगे। छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों के लिए खास बात यह है कि जनजातीय समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए पीएमपीबीटीजी विकास मिशन शुरू किया जाएगा, ताकि पीबीटीजी बस्तियों को मूलभूत सुविधाओं से परिपूर्ण किया जा सके। अगले 3 वर्षों में योजना को लागू करने के लिए 15,000 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए जाएंगे। पीएम विश्व कर्म कौशल सम्मान-परंपरागत कारीगरों और शिल्पकारों के लिए सहायता के पैकेज की परिकल्पना की गई है, जो उन्हें एमएसएमई मूल्य श्रृंखला के साथ एकीकृत करते हुए अपने उत्पादों की गुणवत्ता, पैमाने और पहुंच में सुधार करने में सक्षम बनाएगा। छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों के लिए अच्छी खबर है कि भारतीय मिलेट्स अनुसंधान संस्थान को उत्कृष्टता केंद्र के रूप में समर्थन दिया जाएगा। राज्यों की सक्रिय भागीदारी, सरकारी और सार्वजनिक पार्टनरशिप के साथ मिशन मोड पर पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा।
पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर ध्यान देने के साथ कृषि कर्ज लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये किया जाएगा। युवा उद्यमियों द्वारा कृषि-स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए कृषि कोष बनाया जाएगा। मजबूत पब्लिक फाइनेंस और एक मजबूत फाइनेंस सेक्टर के साथ एक टेक्नोलॉजी-संचालित और ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था शामिल है। दावा किया जा रहा है कि 2014 से मोदी सरकार के प्रयासों ने सभी नागरिकों के लिए जीवन की बेहतर गुणवत्ता और गरिमापूर्ण जीवन सुनिश्चित किया है। वैसे आम जनता के नजरिये से देखा जाए तो जो प्रयास अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए किए गए हैं, वे अच्छे कदम हैं लेकिन आम जनता की सबसे बड़ी समस्या महंगाई और बेरोजगारी है, जिसे कम करने के उपाय इस बजट में अपर्याप्त ही माने जा सकते हैं।