Blog

संसद का शीतकालीन सत्र बहुत छोटा होगा

संसद का शीतकालीन सत्र इस साल भी बहुत छोटा रहने वाला है। पिछले कुछ समय से लगातार संसद के सत्र छोटे होते जा रहे हैं। आमतौर पर हर सत्र एक महीने का होता था और बजट सत्र के दोनों चरण मिला कर दो महीने सत्र चलता था। लेकिन अब सत्र की अवधि कम होती जा रही है और उसमें भी निर्धारित अवधि से पहले ही सत्र समाप्त कर दिया जा रहा है। इसके अलावा हर साल किसी न किसी सत्र के समय देश के किसी न किसी राज्य में विधानसभा चुनाव चल रहे होते हैं तो उस नाम पर भी सत्र देर से बुलाया जाता है और जल्दी समाप्त कर दिया जाता है। इसमें सारी पार्टियां शामिल होती हैं।
संसद का शीतकालीन सत्र इस साल चार दिसंबर से शुरू होगा।

आमतौर पर शीतकालीन सत्र नवंबर के तीसरे हफ्ते में शुरू होता था और दिसंबर के तीसरे हफ्ते तक यानी एक महीने चलता था। अभी पांच राज्यों के चुनाव चल रहे हैं, जिसके नतीजे तीन दिसंबर को आएंगे। इस वजह से उसके बाद ही संसद सत्र का आयोजन होगा। उसके बाद वैसे भी सत्र ज्यादा नहीं चला सकते हैं क्योंकि क्रिसमस और नए साल की छुट्टियों के लिए सांसदों को जाना होता है। सो, 22 दिसंबर को सत्र समाप्त किया जा रहा है। पिछले साल इसी तरह गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनाव की वजह से संसद का शीतकालीन सत्र सात दिसंबर से शुरू हुआ था और दो हफ्ते में ही समाप्त हो गया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *