उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने चार भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक मामले के 180 अभ्यर्थियों पर पांच साल का लगाया प्रतिबंध
देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने चार भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक, नकल के आरोपी 180 अभ्यर्थियों पर पांच साल का प्रतिबंध लगा दिया है। पहली बार आयोग ने इतने बड़े पैमाने पर कार्रवाई की है। डिबार होने वाले अभ्यर्थियों को इसकी सूचना डाक के माध्यम से भेज दी गई है। आयोग के सचिव एसएस रावत के मुताबिक, स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा 2021, वन दरोगा ऑनलाइन परीक्षा 2021, सचिवालय रक्षक भर्ती परीक्षा 2021 और वीपीडीओ भर्ती परीक्षा 2016 में अनुचित साधनों में संलिप्त 180 अभ्यर्थियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। कई अभ्यर्थियों के नोटिस डाक के माध्यम से वापस आ गए थे, जिनके लिए आयोग ने 29 अप्रैल को वेबसाइट पर अलग से सूची जारी करते हुए जवाब मांगा था।
अभ्यर्थियों के जवाब आने का समय समाप्त होने के बाद आयोग ने सभी का परीक्षण किया। परीक्षण के बाद यह निष्कर्ष निकला कि किसी भी अभ्यर्थी का जवाब संतोषजनक नहीं है। ऐसा कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं कराया गया, जिससे ये साबित हो सके कि अनुचित साधनों का उपयोग नहीं किया गया है। इसके अलावा कुछ अभ्यर्थियों ने जवाब ही नहीं दिया, जिससे प्रतीत होता है कि ऐसे अभ्यर्थियों को अपने पक्ष में कुछ नहीं कहना है। लिहाजा, आयोग में अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया की अध्यक्षता में बैठक हुई, जिसमें तय किया गया कि चारों भर्ती परीक्षाओं में ये 180 अभ्यर्थी संलिप्त थे, जिस वजह से उन्हें पांच साल के लिए आयोग की सभी परीक्षाओं से डिबार(प्रतिवारित) कर दिया गया है। अब ये आयोग की किसी भी परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएंगे। गौरतलब है कि आयोग की ओर से 21 मई को सचिवालय सुरक्षा संवर्ग रक्षक भर्ती परीक्षा आयोजित होने जा रही है।
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की एलटी भर्ती सहित कई और परीक्षाओं के 19 और अभ्यर्थी ऐसे हैं, जिन्हें नोटिस जारी हुआ था। इनसे भी 17 मई की शाम छह बजे तक जवाब मांगा गया था। इन सभी अभ्यर्थियों को भी आयोग एक-दो दिन के भीतर ही पांच साल के लिए सभी परीक्षाओं से डिबार कर देगा।