थायराइड मरीजों के लिए जरूरी हैं ये 5 पोषक तत्व, आज ही करें डाइट में शामिल
थायराइड शरीर के जरूरी अंगों में से एक है, जो संपूर्ण स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है। यह गर्दन में मौजूद एक छोटी ग्रंथि है, जिसकी लंबाई लगभग 2 इंच होती है।थायराइड ग्रंथि दिल की धडक़न, पाचन क्रिया आदि को नियंत्रित करने में सहायक होती है। जब ये ग्रंथियां आवश्यक हार्मोन का उत्पादन नहीं कर पातीं, तो हाइपोथायरायडिज्म हो जाता है।इस बीमारी से निजात पाने के लिए अपनी डाइट में ये 5 पोषक तत्व शामिल करें।
आयोडीन
आयोडीन थायराइड से जुड़े हार्मोन के उत्पादन के लिए एक जरूरी घटक है। थायराइड बीमारी से बचने के लिए अपने आहार में आयोडीन युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए।इसके अच्छे स्रोतों में आयोडीन युक्त नमक, सूखी समुद्री घास, स्ट्रॉबेरी, हरी पत्तेदार सब्जियां और आलू शामिल हैं। इन सभी का सेवन आपको इस बीमारी को ठीक करने के लिए करना चाहिए। हाइपोथायरायडिज्म के रोगी इन 5 खाद्य पदार्थों से बनाएं दूरी।
सेलेनियम
सेलेनियम एक जरूरी खनिज है, जो स्वस्थ थायराइड को बनाए रखने में मदद करता है। यह एक एंटीऑक्सीडेंट के रूप में भी काम करता है, जो थायराइड ग्रंथि को ऑक्सीडेटिव क्षति से बचाता है।सेलेनियम को शरीर में बढ़ाने के लिए ब्राजील नट्स, फलियां और साबुत अनाज को खान-पान में जोडऩा चाहिए। इसके अलावा सूरजमुखी के बीज, तिल, मशरूम और ऐस्पैरगस खाने से भी सेलेनियम मिलता है।इन योगासनों की मदद से आप थायराइड का जोखिम कम कर सकते हैं।
जिंक
जिंक थायराइड हार्मोन के उत्पादन को बढ़ावा देता है और उसे नियमित भी बनाता है। यह हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूती देता है और थायराइड के दौरान चयापचय स्वास्थ्य को सुधारता है।जिंक की कमी होने से हाइपोथायरायडिज्म का खतरा बढ़ जाता है। इससे भरपूर खाद्य पदार्थों में कद्दू के बीज, नट्स, दालें, छोले, ओट्स और फलियां शामिल हैं।इन सभी के सेवन से थायराइड को ठीक किया जा सकता है।
विटामिन-डी
विटामिन-डी की कमी होने पर हाइपोथायरायडिज्म हो सकता है। पर्याप्त विटामिन-डी का स्तर थायराइड के लक्षणों को कम करने में मददगार साबित होता है।आप सूरज की रोशनी के संपर्क में आने से इस पोषक तत्व को पा सकते हैं। साथ ही आहार में मशरूम, संतरे का जूस, दही और अखरोट का दूध शामिल करके भी विटामिन-डी की कमी को ठीक किया जा सकता है।अपनी डाइट में विटामिन डी को शामिल करने से आपको ये फायदे मिलेंगे।
ओमेगा-3 फैटी एसिड
ओमेगा-3 फैटी एसिड में सूजन-रोधी गुण होते हैं और यह थायराइड ग्रंथि में सूजन को कम करने में मदद कर सकता है। इस पोषक तत्व के बढिय़ा स्त्रोत हैं अलसी के बीज, सब्जा के बीज, अखरोट और भांग के बीज आदि।ओमेगा-3 फैटी एसिड थायराइड हार्मोन की संवेदनशीलता में सुधार कर सकता है। इसे अपने रोजाना के खान-पान का हिस्सा बनाने से आप हाइपोथायरायडिज्म के लक्षणों को कम करके आराम पा सकते हैं।