Uttarakhand

बद्रीनाथ मंदिर तक पहुंचने के लिए आम श्रद्धालुओं और वीवीआइपी व्यक्तियों के लिए बनाए गए अलग-अलग रास्ते

देहरादून। गोपेश्वर बद्रीनाथ महायोजना के कार्यों के चलते धाम में दर्शन की व्यवस्था बदली गई है। धाम में भगवान बदरी विशाल के दर्शन के लिए पहुंचने का पारंपरिक रास्ता (आस्था पथ) निर्माण कार्यों के चलते बंद हो गया है। ऐसे में इस बार मंदिर तक पहुंचने को आम श्रद्धालुओं और विशिष्ट व अतिविशिष्ट व्यक्तियों के लिए अलग-अलग रास्ते बनाए गए हैं। विशिष्ट व अतिविशिष्ट व्यक्तियों को दर्शन के लिए पहली बार 300 रुपये का टोकन लेना होगा। अभी तक ऐसा कोई शुल्क नहीं लिया जाता था। बीते वर्ष तक आम श्रद्धालु और विशिष्ट व अतिविशिष्ट व्यक्ति साकेत तिराहे से होते हुए मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचते रहे हैं। लेकिन, इस बार महायोजना के तहत हो रहे निर्माण कार्यों के चलते आस्था पथ में बदलाव किया गया है। अब श्रद्धालुओं को बीआरओ तिराहे से गढ़वाल मंडल विकास निगम के देवलोक गेस्ट हाउस होते हुए पुराने टैक्सी स्टैंड से अलकनंदा नदी पर बने नए पुल से लाइन में लगकर दर्शन को पहुंचना होगा। इसके लिए नगर पंचायत बदरीनाथ की ओर से पैदल रास्ते का निर्माण कर दिया गया है। नए पुल से अलकनंदा नदी को पार कर ही श्रद्धालु ब्रह्मकपाल घाट होते हुए ही तप्तकुंड तक पहुंच सकते हैं या फिर सीधे दर्शन की लाइन में लग सकते हैं।

श्रद्धालुओं को वापस लौटने के लिए अलकनंदा के पुराने पुल और साकेत तिराहे से होकर गुजरना होगा। इस मार्ग का बीते वर्ष तक दर्शन के लिए भी उपयोग होता था। जबकि, विशिष्ट व अतिविशिष्ट व्यक्ति प्री-फेब्रिकेटेड गेस्ट हाउस से होकर वीआइपी लाइन से दर्शन को पहुंचेंगे। महायोजना के तहत विशिष्ट व अतिविशिष्ट व्यक्तियों के प्रयोग में लाए जाने वाले गुजराती भवन-गेस्ट हाउस को तोड़ा जा रहा है। गेस्ट हाउस में दो कक्ष और एक प्रतीक्षा कक्ष हैं। यह गेस्ट हाउस प्रथम राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद के विश्राम के लिए बनाया गया था।

यहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा देवी पाटिल समेत कई प्रमुख हस्तियां विश्राम कर चुकी हैं। विशिष्ट व अतिविशिष्ट श्रेणी में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को संबंधित प्रोटोकाल का पालन भी करना होगा। मंदिर समिति के कर्मचारी-अधिकारी शुल्क की रसीद कटवाने के बाद श्रद्धालुओं को वीवीआइपी गेट से विशेष पूजा स्थल तक ले जाएंगे। बदरीनाथ धाम में विशिष्ट व अतिविशिष्ट के नाम पर दर्शन के दौरान अव्यवस्थाएं सामने आती रही हैं। दरअसल, धाम में विशिष्ट व अतिविशिष्ट के नाम पर श्रद्धालुओं की लाइन लगी रहती है, लेकिन यह पता नहीं चल पाता कि इनमें विशिष्ट व अतिविशिष्ट कौन है। इस बार विशिष्ट व अतिविशिष्ट के लिए श्री बदरीनाथ-केदरनाथ मंदिर समिति ने प्रति व्यक्ति 300 रुपये शुल्क तय किया है। इसके पीछे मंदिर समिति की मंशा विशिष्ट व अतिविशिष्ट के नाम पर होने वाली भीड़ का रिकार्ड रखना भी है।

महाभिषेक पूजा – 4300 रुपये प्रति व्यक्ति समय सुबह 4 बजे से 6:30 बजे तक

अभिषेक पूजा – 4100 रुपये प्रति व्यक्ति समय सुबह 4 बजे से 6: 30 बजे तक

वेद पाठ – 2100 रुपये प्रति व्यक्ति सुबह 7.30 से 12 बजे तक व दोपहर 3 बजे से सांय 6 बजे तक

गीता पाठ – 2500 रुपये प्रति व्यक्ति सुबह 7.30 से 12 बजे तक व 3 बजे से सांय 6 बजे तक

कपूर आरती- 151 रुपये प्रति व्यक्ति सुबह 6 बजे से 6:10 बजे तक

चंडी आरती – 351 रुपये प्रति व्यक्ति सुबह 6.15 से 6.30 बजे तक

बिष्णु सहशस्त्रनामा -456 रुपये प्रति व्यक्ति सुबह 7 बजे से 7.20 बजे तक

शयन आरती गीत गोविंद पाठ-3100 रुपये प्रति व्यक्ति सुबह 7.20 से 7.45 बजे तक

हमारी मंशा व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने की है। विशिष्ट व अतिविशिष्ट के लिए मंदिर के पास ही प्री-फेब्रिकेटेड हट में प्रतीक्षा कक्ष बनाया गया है। विशिष्ट व अतिविशिष्ट व्यक्ति को मंदिर में दर्शन के साथ पूर्व की भांति समिति की ओर से उपहार भी दिया जाएगा। आइजी गढ़वाल परिक्षेत्र करण सिंह नगन्याल ने कहा कि इस वर्ष पुलिस की ओर से गौरीकुंड और केदारनाथ के बीच संचालित होने वाली कंडी और खच्चरों का रजिस्ट्रेशन करते हुए नंबरिंग की जाएगी। जिससे दुर्घटना की स्थिति में इनकी पहचान हो सके। चारधाम यात्रा को लेकर आयुक्त गढ़वाल मंडल की ओर से बुलाई गई बैठक में शामिल आइजी परिक्षेत्र करण सिंह नगन्याल ने कहा कि बीते वर्ष यात्रा काल में गौरीकुंड मार्ग पर कंडी से गिरकर एक बच्चे की मौत हो गई थी। जिसमें कंडी वाले का पता नहीं चल पाया था। इस पर पुलिस प्रशासन की ओर से इस दिशा में कदम उठाया गया है।

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