Uttarakhand

चारधाम यात्रा की व्यवस्था को लेकर किए गए नए बदलाव, जानिए इस खबर में

देहरादून। 22 अप्रैल को अक्षय तृतीया पर्व पर यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ चारधाम यात्रा विधिवत शुरू हो जाएगी। हालांकि, यात्रा अपने पूर्ण स्वरूप में 27 अप्रैल से आएगी, तब तक केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के कपाट भी खुल चुके होंगे। केदारनाथ के कपाट 25 अप्रैल और बद्रीनाथ के कपाट 27 अप्रैल को खोले जाने हैं। इस बार चारों धाम की व्यवस्था में कई बदलाव किए गए हैं। एक ओर जहां तीर्थयात्री स्लाट व्यवस्था के तहत दर्शन करेंगे, वहीं हर धाम में प्रति घंटा दर्शन करने वालों की संख्या भी नियत की गई है। यात्रा मार्ग पर पेयजल, शौचालय, संचार, खाने-ठहरने की व्यवस्था भी है।

यमुनोत्री धाम- 

  • उत्तरकाशी जिले में समुद्रतल से 10,610 फीट की ऊंचाई पर स्थित यमुनोत्री चारधाम यात्रा का पहला पड़ाव है।
  • इस बार धाम में प्रतिदिन 5,500 तीर्थयात्री (प्रति घंटे 700) ही दर्शन करेंगे।
  • छह किमी लंबे पैदल मार्ग पर प्रत्येक किमी में फर्स्ट मेडिकल रिस्पांडर टीम तैनात रहेगी।
  • घोड़ा-खच्चर की बुकिंग प्रीपेड व्यवस्था से होगी।
  • प्लास्टिक कचरे के उन्मूलन को धाम और यात्रा पड़ावों पर क्यूआर कोड व्यवस्था लागू रहेगी।
  • यात्रा मार्ग पर जाम से निपटने को स्याना चट्टी व राना चट्टी के बीच गेट व्यवस्था की गई है।

गंगोत्री धाम- 

  • उत्तरकाशी जिले में समुद्रतल से 10,175 फीट की ऊंचाई पर स्थित गंगोत्री धाम में प्रतिदिन 9,000 तीर्थयात्री (प्रति घंटे 1100) दर्शन करेंगे।
  • यात्रियों के पंजीकरण की जांच चिन्यालीसौड़-नगुण बैरियर और हीना में की जाएगी।
  • प्लास्टिक कचरे के उन्मूलन को धाम और यात्रा पड़ावों पर क्यूआर कोड व्यवस्था लागू रहेगी।
  • यात्रा मार्ग पर जाम से निपटने को धरासू बैंड व पुराना धरासू के बीच और गंगनानी व डबराणी के बीच गेट व्यवस्था लागू रहेगी।
  • मंदिर समिति प्रतिदिन भंडारा आयोजित करती है।

केदारनाथ धाम-

  • रुद्रप्रयाग जिले में समुद्रतल से 11,757 फीट की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ धाम में प्रतिदिन 15,000 तीर्थयात्री (प्रति घंटे 1200) दर्शन करेंगे।
  • धाम व 16 किमी लंबे पैदल मार्ग पर 12 मेडिकल रिलीफ प्वाइंट बनाए गए हैं।
  • छह एंबुलेंस और एक एयर एंबुलेंस भी तैनात है।
  • लिनचोली से धाम तक 10 हजार यात्री ठहर सकते हैं।
  • यात्रियों के पंजीकरण की जांच सोनप्रयाग में होगी।
  • सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक शटल वाहन से आवाजाही कराई जाएगी।
  • यात्रियों की सुविधा के लिए पैदल मार्ग पर घोड़ा-खच्चर के साथ डंडी-कंडी उपलब्ध रहेगी।
  • अलग-अलग भाषा में साइन बोर्ड लगाए गए हैं।
  • प्लास्टिक कचरे के उन्मूलन को यहां भी क्यूआर कोड व्यवस्था लागू रहेगी।
  • खास बात यह कि केदारनाथ धाम में इस बार तीर्थ यात्री स्वर्ण मंडित गर्भगृह के दर्शन भी करेंगे।
  • बीते वर्ष कपाट बंद होने के समय धाम के गर्भगृह की छत व दीवारों पर सोने की परत चढ़ा दी गई थी।

बद्रीनाथ धाम- 

  • चमोली जिले में समुद्रतल से 10,277 फीट की ऊंचाई पर स्थित धाम में बद्रीनाथ महायोजना के तहत निर्माण कार्यों के चलते दर्शन की व्यवस्था बदली गई है।
  • इस बार तीर्थयात्री बीआरओ तिराहे से जीएमवीएन गेस्ट हाउस होते हुए नए पुल से मंदिर पहुंचेंगे और वापसी पुराने पुल से होगी।
  • तीर्थ यात्रियों के पंजीकरण की जांच पांडुकेश्वर और धाम में होगी।
  • प्लास्टिक कचरे के उन्मूलन के लिए नगर पंचायत बैग उपलब्ध कराएगी।
  • यात्रियों को प्रतिदिन दोपहर में भोग प्रसाद मिलेगा।
  • जाम से निपटने के लिए ट्रैफिक बाईपास से माणा बस अड्डे की ओर डायवर्ट किया जाएगा।

उत्तराखंड सरकार चारधाम यात्रा के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने के लिए केंद्र सरकार से 315 करोड़ रुपये देने का अनुरोध किया है। इसमें श्रीनगर मेडिकल कालेज में सिटी व एमआरआई मशीनें लगाने के साथ ही चारधाम यात्रा मार्ग के पीएचसी व सीएचसी को उच्चीकृत करने के प्रस्ताव शामिल हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *