Uttarakhand

मां-बाप की मूरत हैं गुरु, कलयुग में भगवान की सूरत हैं गुरु -एडवोकेट ललित जोशी

राष्ट्र निर्माण में शिक्षक की अहम भूमिका-एडवोकेट ललित जोशी

देहरादून। देश आज भारत के प्रथम उप-राष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्ण की जयंती मना रहा है। उनका जन्मदिन हर साल 5 सितंबर को देश में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन सभी शिक्षकों के सम्मान और आभार प्रकट करने का दिन है। देशभर में, स्कूल, कॉलेज, हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूट से लेकर कोचिंग सेंटर्स में डॉ राधाकृष्णन को श्रद्धांजलि देकर इस दिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।

देहरादून स्थित सीआईएमएस एंड यूआएचएमटी ग्रुप ऑफ कॉलेज में भी शिक्षक दिवस धूमधाम से मनाया गया। शिक्षकों के सम्मान में कॉलेज के छात्र-छात्राओं द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने शिक्षकों के सम्मान में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए। छात्र-छात्राओं ने कविताओं, नाटकों, गीतों व नृत्य के माध्यम से शिक्षकों के प्रति अपना आदर दर्शाया। वहीं ग्रुप के चेयरमैन एडवोकेट ललित मोहन जोशी ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए करते हुए कार्यक्रम आयोजित करते हेतु छात्र-छात्राओं का धन्यवाद अदा किया। उन्होंने कहा कि अपने शिक्षकों के लिए सम्मान केवल एक दिन नहीं बल्कि आजीवन बना रहना चाहिए क्योंकि गुरु का स्थान हर किसी की ज़िंदगी मे बहुत ज़्यादा महत्वपूर्ण होता है, अगर सही ज्ञान देने वाला गुरु मिल जाये तो जिंदगी सफल हो जाती है और अगर गुरु ही ज्ञान गलत दे तो ज़िन्दगी बर्बाद भी हो जाती है।

वहीं कॉलेज के प्रबंध निदेशक संजय जोशी जोशी ने छात्र-छात्राओं को शिक्षक दिवस की शुभकामना देते हुए उनको अपने लक्ष्य की और बढ़ने के लिए प्रेरित किया।

वहीं कैंपस में नर्सिंग,पैरामेडिकल एवं मैनेजमेंट के छात्र-छात्राओं द्वारा विभिन्न कार्यक्रम प्रस्तुत कर अपने शिक्षकों के इस दिन को यादगार बनाया। कार्यक्रम में ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर संजय जोशी, डायरेक्टर केदार सिंह अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी मेजर (सेवानिवृत्त) ललित सामंत, प्रधानाचार्या डा०सुमन, उप प्रधानाचार्य रबींद्र कुमार झा, लेफ्टिनेंट मोहित , रजिस्ट्रार गुरुदेव सिंह, विशाखा डोढ़ी, नीतिका भट्ट, डा रणजीतसिंह, डा० उत्कर्ष, डा० दीपिका,श्वेता, शिवानी बिष्ट सहित सभी शिक्षक,कर्मचारीगण तथा 600 से अधिक छात्र छात्रायें मौजूद रहे।

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