Uttarakhand

कांग्रेस को दिया एक- एक वोट उत्तराखंड की बेटी अंकिता भंडारी को देगा श्रद्धांजलि- राजीव महर्षि

कांग्रेस प्रत्याशियों के पक्ष में पार्टी ने की अपील

देहरादून। उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मुख्य मीडिया समन्वयक राजीव महर्षि ने प्रदेश के मतदाताओं से कांग्रेस प्रत्याशियों के पक्ष में मतदान करने के लिए मार्मिक अपील की है। महर्षि ने कहा कि प्रदेशवासियों का कांग्रेस को दिया एक एक वोट उत्तराखंड की बेटी अंकिता भंडारी को श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने कहा कि अंकिता के कातिलों को सजा दिलाने और हत्याकांड के कारक वीआईपी को सलाखों के पीछे पहुंचाने का माध्यम बनेगा। उन्होंने कहा कि गढ़वाल सीट से पार्टी प्रत्याशी गणेश गोदियाल ने शुरू से इस हत्याकांड के विरुद्ध आवाज उठाई जबकि सत्तारूढ़ दल ने हमेशा मामले में लीपापोती की है।

यही मौका है जब हम उत्तराखंड की अस्मिता के सवाल को उठा कर ऐसी स्थिति बनाएं कि केंद्र और राज्य की सरकार अंकिता की हत्या के दोषी को सजा दिला सकें। उन्होंने कहा की कांग्रेस के हरिद्वार सीट के प्रत्याशी वीरेंद्र सिंह ने गंगाजल लेकर अंकिता के हत्यारों को सजा दिलाने का संकल्प लिया है। महर्षि ने कहा कि डबल इंजन की सरकार ने उत्तराखंड के नौजवानों के सपनों को कुचला है। ऊपर वालों ने अग्निवीर के नाम पर ठगा और यहां वालों ने सरकारी नौकरियों को बेचा। हाकम सिंह जैसे लोगों को पालने वाले आज बेशर्मी से वोट मांग रहे हैं।

महर्षि ने कहा कि 2024 का लोकसभा चुनाव जन बल और धन बल के बीच का चुनाव है। कांग्रेस ने प्रदेश की जनता पर भरोसा कर उन्हें ही अपना स्टार प्रचारक बनाया जबकि विरोधी भाजपा ने धनबल का भौंडा प्रदर्शन कर उत्तराखंड के लोगों के स्वाभिमान को चोट पहुंचाई है। भाजपा के पास अपनी उपलब्धि गिनाने के नाम पर कुछ नहीं है। कांग्रेस ने प्रदेश के आम लोगों के निरंतर बढ़ते कष्टों को समझा है और उनके समाधान का रास्ता बनाया है।

उन्होंने प्रदेश के लोगों से अपील की है कि मतदान करते समय उत्तराखंड की मासूम बेटी अंकिता का चेहरा जरूर याद रखें, नौजवानों के सपनों का ख्याल रखें और बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी का ध्यान रखें। यदि इस बार चूक गए तो उसके पश्चाताप का मौका नहीं मिलेगा।
महर्षि ने कहा कि भाजपा लोगों को स्वप्नजाल दिखा कर भरमाना चाहती है। वह हर हथकंडे अपना कर लोकतंत्र की मूल भावना को छलने पर आमादा है, इसलिए प्रदेश के जागरूक मतदाताओं का दायित्व बढ़ जाता है कि वे धन बल को ठुकरा कर जन बल के साथ खड़े हों।

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