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प्रत्येक ग्रीष्मकाल में विधानसभा के सत्र गैरसैंण में आयोजित करने की तैयारी में धामी सरकार

देहरादून। उत्तराखंड की जनभावनाओं के केंद्र गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित हुए शनिवार को तीन साल पूरे हो गए। इस अवसर पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि अब प्रत्येक ग्रीष्मकाल में विधानसभा के सत्र गैरसैंण में आयोजित किए जाएंगे। धामी सरकार ऐसी व्यवस्था करने जा रही है। उन्होंने कहा कि गैरसैंण को लेकर सरकार की नीति स्पष्ट है और वह वहां मजबूत आधारभूत ढांचा विकसित कर रही है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भट्ट ने मीडिया से बातचीत में कहा कि भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र के अनुरूप चार मार्च 2020 को गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया। इसके बाद कोविड की अप्रत्याशित परिस्थिति और चारधाम यात्रा में व्यस्तता के कारण वहां ग्रीष्मकाल में बजट सत्र के आयोजन में व्यवधान आया। अब नियमित रूप से ग्रीष्मकाल में वहां सत्र होंगे। सत्र और उससे संबंधित कामकाज में कोई दिक्कत न आए, इसके लिए गैरसैंण में ऐसा आधारभूत ढांचा बनाया जाएगा जो पूरे ग्रीष्मकाल में वहां मौजूद रहेगा।

जोशीमठ आपदा के प्रभावितों के पुनर्वास से संबंधित प्रश्न पर उन्होंने मुआवजा वितरण की प्रक्रिया शुरू होने पर संतोष जताया और भरोसा दिलाया कि प्रभावितों को बढ़े सर्किल रेट के आधार पर मुआवजा मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह पहली बार है जब किसी आपदा में मुआवजा व पुनर्वास की प्रक्रिया इतने कम समय में शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि भूमि को लेकर प्रक्रिया अंतिम चरण में है।मुख्यमंत्री के साथ हुई विधायकों की बैठक में विपक्ष को न बुलाने संबंधी प्रश्न पर उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों के साथ सामूहिक के बजाय मुख्यमंत्री अलग-अलग मुलाकात करेंगे। कांग्रेस समेत अन्य दलों के विधायकों के साथ बैठक कर मुख्यमंत्री उनसे भी सुझाव लेंगे।

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