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प्रदेशभर में आज मनाया जा रहा श्रीराम भक्त हनुमान जी का जन्मोत्सव, जानिए पूजा का शुभ मुहुर्त और योग

मेरठ। श्रीराम भक्त हनुमान जी का जन्मोत्सव आज मनाया जा रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को हनुमान जी का जन्म हुआ। हनुमान जयंती पर पूजा अर्चना से सामान्य से 11 गुना लाभ मिलता है। पंचांगीय गणना के अनुसार चैत्र पूर्णिमा पर 6 अप्रैल को 12 साल बाद गुरु आदित्य योग में भगवान हनुमानजी जन्मोत्सव मनाया जाएगा। मेरठ के ज्योतिषाचार्य विनोद त्यागी ने बताया कि भगवान का अभिषेक पूजन, शृंगार किया जाएगा। मंदिरों में हवन अनुष्ठान के साथ भंडारे के आयोजन होंगे।

हनुमान जी कलयुग में अजर अमर हैं। हर वर्ष चैत्र शुक्ल की पूर्णिमा के दिन हनुमान जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी पावन दिन हनुमान जी ने माता अंजनी की कोख से जन्म लिया। इंडियन काउंसिल ऑफ एस्ट्रोलॉजिकल साइंस के सचिव आचार्य कौशल वत्स ने बताया कि पूर्णिमा तिथि 5 अप्रैल सुबह 9 बजकर 19 मिनट पर शुरू हो रही है। इसका समापन 6 अप्रैल की सुबह 10 बजकर 4 मिनट पर होगा। हनुमान जी का जन्म चैत्र माह की पूर्णिमा के दिन हुआ। बजरंगबली की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 6 अप्रैल को सुबह 6:06 मिनट से 7:40 मिनट तक का है। इस दिन का अभिजित मुहूर्त दोपहर 12:02 से दोपहर 12:53 तक है।

जयंती पर शुभ योग

पंचांगीय गणना के हिसाब से देखें तो तिथि, वार, नक्षत्र, योग व करण का यह संयोग आराधना की दृष्टि से श्रेष्ठ है। इस दिन से शुरू की गई हनुमान आराधना भक्तों को सुख समृद्घि प्रदान करेगी। साथ ही शनि की ढैया व साढ़े साती से प्रभावित जातकों को लाभ होगा। ज्योतिष शास्त्र में योग संयोग के अनुक्रम बनते रहते हैं। विशिष्ट पर्व काल पर यदि कोई संयोग बनता है तो उसकी खासियत विशेष हो जाती है। हनुमान जी के प्राकट्य दिवस पर गुरु आदित्य का युति संबंध 12 वर्ष बाद बन रहा है जो अत्यंत ही श्रेष्ठ योग है। ग्रह गोचर की गणना के अनुसार बृहस्पति का एक राशि में गोचर 1 वर्ष का होता है। मुख्य त्योहार भी वर्ष में एक बार ही आता है।

ब्रह्म मुहूर्त : प्रात: 4:06 से शाम 4:50 तक
अभिजीत मुहूर्त : सुबह 11:58 से दोपहर 12:49 तक
विजय मुहूर्त : दोपहर 2:29 से दोपहर 3:20 तक
त्याज्य राहुकाल : दोपहर 2:00 से दोपहर 3:00 दोपहर तक

भगवान शिव के 11वें अवतार हैं हनुमान
राम भक्त भगवान हनुमान कलयुग का देवता माना गया है। ऐसी मान्यता है कि हनुमान जी भगवान शिव के 11वें अवतार हैं। उन्हें चिरंजीवी होने का आशीर्वाद प्राप्त है। हनुमान जी की पूजा कर उन्हें प्रसन्न करने के लिहाज से हनुमान जयंती का दिन सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए इस दिन भक्तों को रामायण, रामचरित मानस, सुंदरकांड, हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, हनुमान बाहुक आदि का पाठ करना चाहिए।

शनि देव और मंगल ग्रह की करें शांति

हनुमान जयंती पर जिन लोगों की जन्म कुंडली में शनि देव और मंगल ग्रह अशुभ फल दे रहे हैं तो वे लोग इस दिन हनुमान जी की पूजा से इन ग्रहों की अशुभता को दूर कर सकते हैं। हनुमान जी को शनि देव ने वचन दिया है कि वे हनुमान भक्तों को परेशान नहीं करेंगे। इसलिए शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के दौरान हनुमान जी की पूजा करने की सलाह दी जाती है।

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