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आतंकी गोल्डी बराड़ और जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई के 14 साल पुराने साथी राजवीर सिंह की हथियारों समेत हुई गिरफ्तारी

पंजाब। कनाडा में बैठे आतंकी गोल्डी बराड़ और जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई के 14 साल पुराने साथी राजवीर सिंह उर्फ रवि राजगढ़ को हथियारों समेत एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) ने शुक्रवार को मोहाली के सेक्टर-79 से काबू किया है। उसे उस समय काबू किया गया जब वह महंगी कार चला रहा था। आरोपी के पास से प्वाइंट 30 कैलिबर चीन निर्मित पिस्तौल बरामद हुई है। आरोपी का आपराधिक इतिहास है। उस पर हत्या, आर्म्स एक्ट समेत कई धाराओं के तहत केस दर्ज है। डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि वह गोल्डी और लॉरेंस बिश्नोई के इशारे पर वारदात को अंजाम देता था। आरोपी की गिरफ्तारी जून 2020 में दर्ज धोखाधड़ी, फर्जी पासपोर्ट और असलहा एक्ट के तहत दर्ज केस में की गई है।

पुलिस को सूचना थी कि आरोपी मोहाली एरिया में है। इसके बाद शुक्रवार को एटीजीटीएफ व मोहाली पुलिस ने मिलकर सेक्टर-79 ऑपरेशन चलाया। साथ ही आरोपी को दबोच लिया। ऑपरेशन की अगुवाई एडीजीपी प्रमोद बान कर रहे थे। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि आरोपी रवि राजगढ़ लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के सदस्यों को ठिकाने, रसद सहायता, हथियार और वाहन प्रदान कर रहा था।

आरोपी ने लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के सहयोगियों को विदेश भागने के लिए फर्जी विवरणों पर पासपोर्ट हासिल करने में मदद की। पुलिस को आरोपी रवि राजगढ़ से पूछताछ और इस मामले की विस्तृत जांच से पंजाब और आसपास के राज्यों में लॉरेंस बिश्नोई-गोल्डी बराड़ गिरोह द्वारा रची गई आपराधिक गतिविधियों का पता लगाने में मदद मिलेगी।पुलिस सूत्रों से पता चला है कि यह ऑपरेशन शुक्रवार दोपहर ढाई बजे चला। पुलिस के मुताबिक आरोपी कुछ समय से सेक्टर-79 में किराये के घर पर प्रथम मंजिल पर रह रहा था। उसकी महिला मित्र भी उसके साथ रहती थी। उसे भी पुलिस ने राउंडअप किया है। वहीं, उसके अन्य साथियों की पहचान करने में पुलिस लगी हुई है।

एक अन्य मामले में आतंकी अर्श डल्ला के साथियों को हथियारों की सप्लाई करने जा रहे दो तस्करों को फाजिल्का में स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल (एसएसओसी) ने काबू किया है। आरोपियों की पहचान राजस्थान के जोधपुर के जैतियावास गांव निवासी बन्ना राम उर्फ विनोद देवसी और मुकेश उर्फ मुक्शा रबारी के रूप में हुई है।

आरोपियों से .32 बोर की सात पिस्टल व दो कारतूस, .315 बोर की एक देसी पिस्तौल और 9650 रुपये की नकली भारतीय मुद्रा भी बरामद की गई है। डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि आरोपियों पर एसएसओसी के फाजिल्का थाने में आर्म्स एक्ट व फर्जी भारतीय करेंसी छापने की धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। एसएसओसी को सूचना मिली थी कि मध्य प्रदेश से हथियार लेकर आए दो तस्कर इन्हें गैंगस्टरों को पहुंचाने की तैयारी में हैं। इन हथियारों को किसी बड़ी वारदात में इस्तेमाल किया जाना है। सूचना मिलने के बाद पुलिस ने अबोहर-हनुमानगढ़ मार्ग पर फाजिल्का के रामसर गांव में विशेष नाका लगाकर इन्हें दबोचा।

एआईजी एसएसओसी लखबीर सिंह ने कहा कि पहले मॉड्यूल के एक सदस्य नरेश पंडित को जोधपुर ग्रामीण जिले से गिरफ्तार किया था। उसने पूछताछ में खुलासा किया था कि वह आतंकी अर्श डल्ला के संपर्क में था। उसे फिरौती के लिए जोधपुर के एक प्रमुख उद्योगपति का अपहरण करने का काम सौंपा गया था। सूचना राजस्थान पुलिस के साथ साझा की गई, जिससे जिला पाली में अपहरण के मॉड्यूल का भंडाफोड़ हुआ।

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